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Mom of a 3 yr 1 m old boy7 months ago
Q.

#asktheexpert baby 3 yrs ka hogaya h uska teeth mein thoda spot kyun ho raha h brush toh Daily karta h

2 Answers
POOJA KOTHARIMom of a 8 yr 5 m old boy7 months ago
A. अगर आपका 2 साल 8 महीने का बेटा बार-बार खांसी और सर्दी से परेशान रहता है और उसे पिछले साल लगातार 4 महीने तक एंटीबायोटिक्स लेने पड़े, तो यह इम्यूनिटी कमज़ोर होने का संकेत हो सकता है। कुछ बातें ध्यान में रखने से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) मजबूत की जा सकती है और सर्दी-खांसी की समस्या कम हो सकती है। क्या आप मिस कर रहे हैं? इम्यूनिटी मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थ: फल और सब्जियां: संतरा, पपीता, गाजर, शकरकंद, टमाटर, और हरी पत्तेदार सब्जियां दें। ड्राई फ्रूट्स: भिगोए हुए बादाम, अखरोट, किशमिश, और खजूर इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करेंगे। प्रोटीन युक्त आहार: दाल, मूंगफली, अंडा, दही, पनीर और घी शामिल करें। हल्दी-दूध: हल्दी वाला दूध रोज़ रात को पिलाने से सर्दी-खांसी की समस्या कम हो सकती है। प्राकृतिक उपाय और घरेलू नुस्खे: गुनगुना पानी: दिन में 2-3 बार गुनगुना पानी पिलाएं ताकि बलगम बाहर निकल सके। अदरक-शहद: खांसी होने पर 2-3 बूंद अदरक का रस और शहद मिलाकर दें (1 साल से बड़े बच्चों के लिए)। सरसों के तेल की मालिश: छाती और पैर के तलवों पर गर्म सरसों के तेल की मालिश करें, जिससे जकड़न कम होगी। स्टीम दें: भाप (steam) देने से नाक और छाती की बंदिश खुलती है। हवा और सफाई का ध्यान रखें: बच्चे को धूल-मिट्टी और धुएं से दूर रखें। एयर प्यूरिफायर या घर में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें, खासकर अगर घर में ज्यादा सूखी हवा हो। तकिए और बिस्तर साफ रखें ताकि एलर्जी न हो। बार-बार एंटीबायोटिक्स से बचें: बार-बार एंटीबायोटिक्स देने से शरीर की इम्यूनिटी कम हो जाती है। डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स न दें। हल्की सर्दी-खांसी में प्राकृतिक उपचार और अच्छे खान-पान से ठीक करने की कोशिश करें। अगर बार-बार सर्दी-खांसी बनी रहती है या खांसी बहुत तेज़ हो जाती है, तो एक अच्छे बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrician) से परामर्श ज़रूर लें।
POOJA KOTHARIMom of a 8 yr 5 m old boy7 months ago
A. अगर आपके 3 साल के बच्चे के दांतों में स्पॉट आ रहे हैं, तो इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं: संभावित कारण: फ्लोराइड की अधिकता (Fluorosis): अगर बच्चा ज्यादा फ्लोराइड युक्त पानी या टूथपेस्ट इस्तेमाल कर रहा है, तो सफेद या भूरे धब्बे आ सकते हैं। कैविटी (Cavities): अगर बच्चा मीठा ज्यादा खाता है या दूध पीकर बिना ब्रश किए सो जाता है, तो कैविटी के कारण स्पॉट हो सकते हैं। एनामेल हाइपोप्लासिया (Enamel Hypoplasia): दांतों की बाहरी परत कमजोर होने पर पीले या भूरे धब्बे दिख सकते हैं। प्लाक जमना (Plaque Build-up): यदि ब्रशिंग पूरी तरह सही तरीके से नहीं हो रही, तो प्लाक जमा होने से दांतों पर दाग आ सकते हैं। आयरन सप्लीमेंट: अगर बच्चा आयरन सिरप ले रहा है, तो यह भी दांतों पर काले धब्बे छोड़ सकता है। क्या करें? ✅ डेंटिस्ट से सलाह लें: सही कारण जानने के लिए एक बार डॉक्टर को दिखाएं। ✅ सही ब्रशिंग करें: दिन में दो बार अच्छे से ब्रश कराएं, खासकर रात में सोने से पहले। ✅ मीठे और चिपचिपे खाने से बचें: टॉफी, चॉकलेट, और जूस जैसी चीजें सीमित करें। ✅ डेंटल क्लीनिंग: अगर दांतों पर ज्यादा दाग हैं, तो डॉक्टर से सफाई करवाना अच्छा रहेगा। ✅ स्ट्रॉ का इस्तेमाल करें: अगर बच्चा जूस या दूध पीता है, तो स्ट्रॉ से पिलाएं ताकि सीधा दांतों पर न लगे। अगर दाग बढ़ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि समय पर इलाज हो सके।
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