Author of questionMom of a 1 yr 3 m old boy6 months agoA. bhut jyada main tierd ho jate hu idhr ghr kaa kaam or need hi nhi poori hoti
POOJA KOTHARIMom of a 8 yr 5 m old boy6 months agoA. 9 महीने के बच्चे का सोने का पैटर्न कभी-कभी असामान्य हो सकता है, लेकिन दिन में केवल 1 बार और वह भी सिर्फ आधे घंटे के लिए सोना थोड़ा कम है। इसके साथ रात में 11 बजे के बाद सोना आपको और बच्चे दोनों को थका सकता है।
📌 कारण क्यों बच्चा ठीक से नहीं सो रहा:
✔️ ऊर्जा अधिक होने से – अगर दिनभर बहुत एक्टिव रहता है तो उसे ज्यादा थकान महसूस नहीं होती।
✔️ नैप का सही समय न होना – अगर नैप बहुत देर से हो रहा है तो रात की नींद प्रभावित होती है।
✔️ ओवरटायर्डनेस (बहुत ज्यादा थकान) – ज्यादा थक जाने पर भी बच्चे को सोने में दिक्कत हो सकती है।
✔️ स्क्रीन टाइम – अगर बच्चा मोबाइल/टीवी देख रहा है, तो वह सोने से पहले हाइपर एक्टिव हो सकता है।
✔️ डेंटिंग पेन – दांत निकलने के कारण बच्चे को रात में नींद में परेशानी हो सकती है।
✅ बेबी की नींद सुधारने के लिए टिप्स:
1️⃣ सोने का रूटीन बनाएं:
🔹 रोज़ रात को एक ही समय (9-9:30 बजे तक) सुलाने की कोशिश करें।
🔹 सोने से पहले हल्की रोशनी रखें और माहौल शांत बनाएं।
🔹 हर दिन एक ही रूटीन अपनाएं – जैसे मसाज, हल्की झपकी, कहानी सुनाना।
2️⃣ दिन में कम से कम 2 नैप करवाएं:
✔️ सुबह (10-11 बजे) – 1 घंटा
✔️ दोपहर (2-3 बजे) – 1-2 घंटे
अगर बच्चा 2 नैप नहीं लेता, तो कम से कम दोपहर में 1.5 घंटे सोने की कोशिश करें।
3️⃣ थकाने वाले एक्टिविटी करवाएं:
🔹 दिनभर बच्चे को खेलने दें ताकि वह फिजिकली एक्टिव हो।
🔹 रात को सोने से पहले ज्यादा खेलने न दें, ताकि वह ज्यादा हाइपर न हो जाए।
4️⃣ रात में दूध पिलाकर सुलाएं:
🔹 सोने से पहले दूध देने से पेट भरा रहेगा और बच्चा जल्दी सो सकता है।
5️⃣ स्क्रीन टाइम कम करें:
❌ सोने से कम से कम 1 घंटे पहले मोबाइल, टीवी बंद कर दें।
6️⃣ शांत वातावरण बनाएं:
🔹 हल्की लोरी गाकर, लाइट बंद करके सोने का माहौल तैयार करें।
🔹 बहुत ज्यादा शोर या लाइट्स नींद को प्रभावित कर सकती हैं।
🛑 कब डॉक्टर से संपर्क करें?
❌ अगर बच्चा बहुत रोता है और बिल्कुल भी नहीं सोता।
❌ रात को बार-बार उठता है और 2-3 घंटे तक जागता है।
❌ बच्चा सोने के दौरान हिचकी, खर्राटे या सांस की दिक्कत महसूस करता है।
अगर ये सब अपनाने के बाद भी बच्चा नहीं सोता, तो धीरे-धीरे उसकी रूटीन बदलने की कोशिश करें। बच्चे का स्लीप पैटर्न सेट होने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन धैर्य रखें।
अगर आपको लगे कि कोई और समस्या हो सकती है तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें। 😊
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