POOJA KOTHARIMom of a 8 yr 5 m old boy1 Year agoA. 36 सप्ताह की गर्भावस्था में कमर में दर्द सामान्य हो सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि यह लेबर पेन ही हो। गर्भावस्था के इस चरण में कमर में दर्द कई कारणों से हो सकता है, जैसे:
### संभावित कारण:
1. **गर्भाशय का बढ़ना**: बढ़ते हुए गर्भाशय से पीठ और कमर पर दबाव पड़ सकता है।
2. **हॉर्मोनल बदलाव**: हॉर्मोनल बदलाव से जोड़ ढीले हो जाते हैं, जिससे दर्द हो सकता है।
3. **वजन का बढ़ना**: बढ़ते वजन से कमर और पीठ पर अधिक तनाव पड़ता है।
4. **सर्विक्स का परिवर्तन**: सर्विक्स में होने वाले बदलाव भी दर्द का कारण हो सकते हैं।
### लेबर पेन की पहचान:
लेबर पेन को पहचानने के लिए निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:
1. **नियमित संकुचन**: लेबर पेन में संकुचन नियमित होते हैं और समय के साथ उनकी तीव्रता और अवधि बढ़ती जाती है।
2. **कमर और पेट दोनों में दर्द**: लेबर पेन अक्सर कमर के साथ-साथ पेट में भी महसूस होते हैं।
3. **पानी का टूटना**: अगर एम्नियोटिक फ्लूइड (पानी) टूटता है, तो यह लेबर का संकेत हो सकता है।
4. **ब्लडी शो**: सर्विक्स से हल्का खून आना भी लेबर का संकेत हो सकता है।
### क्या करें:
1. **आराम करें**: पीठ दर्द को कम करने के लिए आराम करें और आवश्यकतानुसार करवट बदलें।
2. **गर्म सिकाई**: गर्म पानी की थैली या गर्म सिकाई से राहत मिल सकती है।
3. **मालिश**: हल्की मालिश से भी आराम मिल सकता है।
4. **हाइड्रेटेड रहें**: पर्याप्त पानी पिएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें।
### डॉक्टर से कब संपर्क करें:
1. **नियमित और तेज दर्द**: अगर दर्द नियमित और तेज हो रहा है।
2. **संकुचन**: अगर संकुचन हर 10 मिनट में या उससे ज्यादा बार हो रहे हैं।
3. **पानी का टूटना**: अगर एम्नियोटिक फ्लूइड (पानी) टूट जाए।
4. **असामान्य डिस्चार्ज**: अगर असामान्य डिस्चार्ज हो रहा हो।
अगर आपको कोई भी संदेह हो, तो अपने डॉक्टर या स्त्री रोग विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क करें। वे आपको सबसे सही सलाह और मार्गदर्शन दे सकेंगे।
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