POOJA KOTHARIMom of a 8 yr 6 m old boy8 months agoA. शिशु के चेहरे पर पिंपल्स (या नवजात एक्ने) होना एक आम समस्या है और ज्यादातर यह खुद ही ठीक हो जाती है। यह आमतौर पर हार्मोनल बदलावों के कारण होता है जो जन्म के बाद कुछ हफ्तों तक शिशु के शरीर में होते हैं।
पिंपल्स के कारण हार्मोनल बदलाव: गर्भावस्था के दौरान मां से शिशु को मिले हार्मोन्स। तेल ग्रंथियों का सक्रिय होना। गंदगी या एलर्जी। क्या करें?
चेहरे को साफ रखें:
शिशु के चेहरे को दिन में 2-3 बार गुनगुने पानी से और मुलायम कपड़े से साफ करें। साबुन का इस्तेमाल कम करें या माइल्ड बेबी साबुन ही चुनें।
मॉइस्चराइजर लगाएं:
शिशु की त्वचा को हाइड्रेटेड रखने के लिए फ्रेगरेंस-फ्री बेबी क्रीम लगाएं।
तेल का उपयोग न करें:
शिशु के चेहरे पर तेल या कोई भारी क्रीम न लगाएं, इससे पिंपल्स बढ़ सकते हैं।
खुजाने से रोकें:
शिशु के नाखून काटकर रखें ताकि वह खुजला न सके और संक्रमण न हो।
खुद ठीक होने दें:
शिशु का एक्ने समय के साथ खुद ठीक हो जाता है। इसे छेड़ने की जरूरत नहीं। क्या न करें? किसी मेडिकेटेड क्रीम या लोशन का इस्तेमाल डॉक्टर से सलाह के बिना न करें। पिंपल्स को दबाने या छूने की कोशिश न करें। डॉक्टर से कब संपर्क करें? अगर पिंपल्स लंबे समय तक ठीक न हो या बढ़ने लगें। चेहरे पर लालिमा, सूजन या पस दिखे। अगर शिशु को खुजली या जलन महसूस हो। घरेलू उपाय मां का दूध: शिशु के चेहरे पर मां का दूध लगाने से त्वचा को आराम मिल सकता है। एलोवेरा जेल: प्राकृतिक और ताजे एलोवेरा का उपयोग कर सकते हैं (डॉक्टर की सलाह के बाद)।
यदि यह समस्या कुछ दिनों में ठीक नहीं होती, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित रहेगा।
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