अच्छी आदतें जो हमारे बच्चों को ज़रूर सीखनी चाहिए
बच्चे अपने माता–पिता को हमेशा अपना आदर्श मानकर अपनी आदतों को मोड़ देते हैं। हम अक्सर उन्हें यह कहते सुनते हैं,
“पापा भी तो करते हैं, इसलिए मैंने ऐसा किया“।
“मम्मा भी करती है इसलिए कर रहा हूँ“
तो बच्चों को अच्छी आदतें सीखाना और स्वयं भी उस पर अमल करना हमारे दायित्वों की लिस्ट में शामिल हो जाता है।
आइए जानते हैं कुछ अच्छी आदतें जो हमारे बढ़ते बच्चों के विकास के लिए अनिवार्य है।
1. उन्हें बाहर खेलने दें
अक्सर बच्चों को बहलाने के लिए हम मोबाइल का सहारा लेते हैं, जैसे ही हम उन्हें हमारे काम मे दखलंदाज़ी करते देखते हैं या उन्हें खाना खिलाने में परेशान होते हुए देखते हैं, तुरंत फ़ोन हाथ मे पकड़ा देते हैं और उनके लिए खेलने का दूसरा नाम ही फ़ोन हो गया है। क्यों ना उन्हें हमारे वाले खेल सिखाए जाए? उन्हें खुले मैदान की मिट्टी में लोट–पोट होकर गेंद ढूंढना सिखाया जाए। उनके शरीर में ऊर्जा का संचार और सुगठित करने का इससे अच्छा माध्यम नहीं हो सकता।
2. ब्रांड नहीं, गुणवत्ता देखना सिखाएं।
परिवार में अक्सर ब्रांड को बढ़ा–चढ़ाकर बताने की आदत हमारे बच्चों की मानसिकता को संकीर्ण कर सकती है। उनके लिए खरीदी जानेवाली चीजों को किसी विशेष ब्रांड से ना जोडें जैसे “कपड़े केवल इस ब्रांड के अच्छे होते हैं” या “खिलौने केवल महँगे ही अच्छे होते हैं“।उन्हें गुणवत्ता के अनुरूप सामान ला कर दें।
3. खाना हमेशा साथ खाएं।
एक साथ खाना, खाना हमारे बच्चों को तीन बातें सिखाता है –
- प्यार की डोर बनाए रखता है।
- कुछ अलग खाने की बजाय एक जैसा खाना सबके लिए प्यार का भाव उत्पन्न करता है, एक दूसरे को सुनने और समझने में मदद करता है।
- चाहे कितना भी व्यस्त हों, कोशिश करनी चाहिए एक समय पूरा परिवार एक साथ भोजन करे।
4. बार बार पानी पीने की आदत सिखाएं
हमारा शरीर 70% पानी का ही बना है और हमारी शारीरिक क्रियाएं पानी पर निर्भर है। पानी का अच्छी तरह से सेवन करना, शरीर को स्वस्थ रखता है और यह स्फूर्ति का स्त्रोत भी माना जाता है। बच्चों में शुद्ध और साफ पानी पीने की आदत डालें। उन्हें कितना पानी पीना चाहिए, यह उन्हें समझाएं।
5. “सॉरी” और “थैंक्यू” बोलना सिखाएं
नम्रता श्रृंगार का आधार, बच्चों को नम्र होना सिखाएं। बड़े हों या छोटे, सबको छोटी–छोटी गलतियों पर भी सॉरी और काम करने पर थैंक्यू बोलना सिखाएं। खुद भी हमेशा नम्र व्यवहार करें, किसी की भी बुराई बच्चों के सामने कभी ना करें।
6. साफ–सफाई सिखाएं
जितनी छोटी उम्र में साफ–सफाई का महत्व सिखाया जाए उतना हमारे बच्चों के लिए अच्छा है। सबसे पहला कदम खुद भी सफाई करें और शुरू उनकी चीजों को साफ रखने से करें। कमरा या अलमारी साफ करने पर आप उन्हें प्रोत्साहित करें।
7. मदद करना सिखाएं
बच्चों को हमेशा मदद के लिए हाथ बढ़ाना सिखाएं, खासकर बुज़ुर्गो की मदद करना और अच्छे से पेश आना सिखाएं। बड़ों का सम्मान करना बताए और बच्चों को सिखाने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद भी बड़ों का सम्मान करें।
8. समय का महत्व सिखाएं
उनके हर काम और क्रिया को सही समय पर करने की आदत डालें, इससे उनका शरीर भी एक क्लॉक के हिसाब से चलेगा और वे समय का महत्व समझेंगे, जैसे; हमेशा समय पर कहीं पहुँचना, समय पर उठना, समय पर खेलना आदि।
9. मेहनत करना सिखाएं
बैठे–बैठे काम हो जाने की आदत कभी अपने बच्चों को ना लगने दें, अपनी छोटी–छोटी ज़रूरतों के लिए किसी पर निर्भर रहना ना सिखाएं। खुद अपना काम करें जिसका अनुसरण आपके बच्चे भी करेंगे।
10. पढ़ने की आदत डालें
अच्छी “रीडिंग हैबिट” बच्चे में जल्द से जल्द डालनी चाहिए, ज़रूरी नहीं किताबें ही हो, बाजार से खरीदी हुई कोई वस्तु, कोई पैकेट, उसमे लिखे कंटेंट को पढ़ना भी अच्छी आदतों में शामिल है। अपने बच्चों को खुद कहानी सुनाएं और उन्हें भी पढ़ना सिखाएं।
“अच्छी आदतें, स्वस्थ बच्चे”
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