शारीरिक मजबुती एवं विकास हेतु कैल्शियम अति-आवश्यक व लाभदायक है
आज इस लेख के माध्यम से यह बताना चाहती हूं कि महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम बेहद महत्वपूर्ण है ।
अक्सर महिलाएं अपनी सेहत के प्रति लापरवाही बरतती है, जिसका परिणाम यह होता है कि शरीर में कैल्शियम की कमी जैसी समस्याएं होती हैं। महिलाओं में औसतन ३५ की उम्र के बाद शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है , जिसका ध्यान रखना अति-आवश्यक है ।
दरअसल, वास्तव में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अनेक प्राकृतिक प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है, जैसे मासिक धर्म, गर्भधारण, शिशु को स्तनपान और रजोनिवृत्ति आदि । ऐसे में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले अधिक कैल्शियम की आवश्यकता होती है । एक महिला की औसतन १००० मिलीग्राम प्रतिदिन कैल्शियम की आवश्यकता होती है, लेकिन असंतुलित और अपर्याप्त खान-पान के कारण कैल्शियम की कमी और उससे उपजी बीमारियों का सामना करना पड़ता है ।
१.क्यों जरूरी है शरीर में कैल्शियम ?
शरीर में हड्डियों का निर्माण कैल्शियम, प्रोटीन और खनिज तत्वों से मिलकर होता है । शरीर के स्वस्थ और संतुलित विकास हेतु हर उम्र में कैल्शियम की आवश्यकता होती है । हड्डियों वह दांतों की मजबूती और रक्त संचरण (सर्कुलेशन) में भी कैल्शियम महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है । तंत्रिका तंत्र के संदेश को मस्तिष्क तक पहुंचाने में भी कैल्शियम अत्यंत सहायक होता है ।
वहीं शरीर में लगे घाव और चोट आदि को जल्दी ठीक करने में भी कैल्शियम मददगार साबित होता है ।
२. बीमारियों का खतरा अधिक
हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका को जीवित रहने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है । शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर ये कोशिकाएं हड्डियों से कैल्शियम ग्रहण करने लगती है, जिससे हड्डियां कमजोर होकर टूटने लगती है । फिर जरा चोट लगने पर भी हड्डियों में फ्रेक्चर हो जाता है । इस बीमारी को ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है ।
पुरषों के मुकाबले महिलाओं में यह बीमारी अधिक देखने को मिलती है ।
३.नवजात शिशु के लिए बेहद जरूरी
गर्भवती महिलाओं को सदा ही कैल्शियमयुक्त खाद्य पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है । कैल्शियम की कमी न सिर्फ मां बल्कि नवजात शिशु के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालती है । नवजात शिशु की हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मां का दूध बेहद आवश्यक होता है लेकिन मां के शरीर में कैल्शियम की कमी है तो शिशु के लिए प्रर्याप्त मात्रा में दूध का निर्माण नहीं हो पाता ।
कैल्शियम की कमी के कारण बच्चे के दांत और हड्डियों के कमजोर होने की संभावना बढ़ जाती है ।
४. कैल्शियम की कमी होने के दुष्परिणाम
- मांसपेशियों के कार्य करने के लिए कैल्शियम बेहद जरूरी है ।
- कैल्शियम कमी होने के कारण मासिक धर्म के दौरान अधिक दर्द हो सकता है ।
- रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है ।
- दांत पीले और असमय ही कमजोर होकर टूटने लगते हैं ।
- पाचन क्रिया भी प्रभावित होती है और शरीर को उचित मात्रा में पोषण भी नहीं मिल पाता ।
- नाखून भुरभुरे और कमजोर हो जाते हैं ।
- कैल्शियम शरीर में रक्त संचरण (सर्कुलेशन) में भी मदद करता है । इसकी कमी होने पर दिल की धड़कन बढ़ना और बेचेनी जैसी समस्याएं होती हैं ।
५. इनका करें सेवन
- अनाज – गेहूं, बाजरा, मूंग, मोठ, चना, राजमा और सोयाबीन ।
- सब्जियां – अरबी, पालक, मैथी, फूलगोभी, ब्रोकली, शलजम, टमाटर, ककड़ी, गाजर, भिंडी और कद्दू ।
- फल – अन्नानास, पपीता, कीवी, चेरी, संतरा और लीची आदि फल ।
दुग्ध पदार्थ कैल्शियम का प्रमुख स्रोत होते हैं । प्रतिदिन दूध के सेवन से शरीर में कैल्शियम की मात्रा नियंत्रित रहती है ।
मेरा आप सभी पाठकों से अनुरोध है कि बाजार में उपलब्ध कैल्शियम की गोलियां या किसी भी तरह का सप्लीमेंट चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही उपयोग करना चाहिए अन्यथा आवश्यकता से अधिक कैल्शियम भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है ।
वहीं प्राकृतिक खाद्य पदार्थों से मिलने वाले कैल्शियम हमारे शरीर के लिए हमेशा लाभदायक ही होते हैं
फिर देखा आपने कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक रामबाण औषधि है तो अपने इस नैसर्गिक जीवन में उपलब्ध कैल्शियम से भरपूर सामग्रियों का उपयोग करें और हमेशा स्वस्थ रहें, इसी कामना के साथ लेख पूर्ण करती हूं, आशा करती हूं कि आप अवश्य ही लाभ उठाएंगे और कृपया अपनी आख्या के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करेंगे। ।
धन्यवाद आपका ।
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