बीमा (इंश्योरेंस) क्या है और क्यों है जरूरी लाइफ इंश्योरेंस – कुछ बेसिक बातें
हम पहले बात करेंगे इंश्योरेंस क्या है? इंश्योरेंस एक रिस्क ट्रांसफर मैकेनिज्म है। मतलब जहाँ हम अपना रिस्क किसी और पर अर्थात इंश्योरेंस कंपनियों पर ट्रांसफर कर देते हैं और उसके एवज में हम हर साल एक छोटी रकम प्रीमियम के तौर पर भरते है।
इंश्योरेंस (बीमा) क्यों जरूरी है। यहाँ रिस्क का मतलब है लॉस ऑफ मनी (जहाँ हर व्यक्ति को बहुत से पैसों की जरूरत होती है)।
रिस्क 2 तरह की होती है:
- जो हमारी इच्छा होती है जैसे शादी, बच्चों की पढ़ाई, घर लेना ऐसे ही बहुत कुछ
- जो कोई नहीं चाहता जैसे एक्सीडेंट होना, कोई अचानक से बड़ी बीमारी आना, ऐसी चीजें जो अचानक से होती है जो कोई नहीं चाहता और अचानक से पैसों की जरूरत पड़ जाती है, ऐसी सभी जरूरतों के लिए होता है लाइफ इंश्योरेंस (जीवन बीमा)
इंश्योरेंस एक व्यक्ति और उसके परिवार की विभिन्न फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है, जिनमें है
- बच्चों के लिए शिक्षा
- बच्चों का विवाह
- एक घर खरीदना
- मृत्यु की स्थिति में आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा
- रिटायरमेंट के बाद पेंशन या नियमित इनकम
इन सभी जरूरतों के लिए जरूरत होती है एक सही बीमा की। हर व्यक्ति को अपने इन सभी प्लान या अन प्लान जैसी सभी जरूरतों के लिए सही बीमा करना चाहिए। यह उतना ही जरूरी है जितना कि आपकी बाकी चीजें। बहुत से लोग कहते हैं कि हमें बीमा में विश्वास नहीं है, तो भाई बीमा कोई धर्म नहीं है जिस पर आपको विश्वास करना या नहीं करना है। यह एक जरूरत है जिसे आपको करना है और यदि आप बीमा करते हैं तो आप एक चिंता मुक्त जिंदगी जीते हैं, जहाँ आप अपने बाकी रेगुलर कामों की तरह एक छोटी सी प्रीमियम राशि भरते हैं और अपना रिस्क बीमा कंपनियों पर ट्रांसफर कर देते हैं।
मार्केट में बहुत सी बीमा कंपनी हैं जहाँ आप अपनी इच्छा अनुसार निवेश कर सकते हैं।
Disclaimer: The views, opinions and positions (including content in any form) expressed within this post are those of the author alone. The accuracy, completeness and validity of any statements made within this article are not guaranteed. We accept no liability for any errors, omissions or representations. The responsibility for intellectual property rights of this content rests with the author and any liability with regards to infringement of intellectual property rights remains with him/her.