जंक फूड आपके बच्चे के लिए हानिकारक होता है .ध्यान रखिये

जंक फूड आपके बच्चे के लिए हानिकारक होता है .ध्यान रखिये

ऑफिस से घर आते ही पायल ने जल्दी से बैग रखा और किचन की तरफ चल पड़ी पर किचन में पहुँचते ही जब उसने अपने बेटे शुभ के लिए जो सुबह खाना बनाकर रखा था उसे वैसा ही पाया तो उसका गुस्सा सातवें आसमान पर था, वो दौड़ कर शुभ के कमरे में गयी ।
बेटा ये क्या? आज भी तुमने स्कूल से आकर लंच नही किया ? मम्मी भूख नही थी . क्यों? क्या खाया था तुमने जो तुम्हे भूख नही थी? ये तुम्हारा रोज का बहाना हो गया है शुभ, मैं देख रही हूँ कुछ दिनों से तुम घर का बना खाना नही खाते हो, कोई ना कोई बहाना लगा देते हो और जब से तुम्हारे दादा दादी आये है तब से तो तुम कुछ ज्यादा ही उल्टा जवाब देने लगे हो ।
अरे बहु क्यों डांट रही हो मेरे पोते को सारा दिन तो बेचारा बिन माँ के रहता है और आते ही शुरू हो गयी?
क्या किया इसने बस रोटी सब्जी तो नही खाई मैंने इसे दोपहर को पैसे दे दिए थे ये पास की दुकान से अपने लिए मोमो और बर्गर ले आया था । पेट भरा हुआ है इसका ..
पर माँ जी ये आप ठीक नही कर रही मेरे बेटे को जंक फूड खाने की आदत डाल रही हो! आपको पता है ना ये सब बच्चों की सेहत के लिए कितना नुकसानदायक होता है । मुझे अब समझ आ गया कि रोज ये घर का बना   खाना खाने में नख़रे क्यों दिखाता है ? आप ही इसे पैसे देकर बिगाड़ रही हो ।लो बहु, अब हम अपने पोते के कुछ नही लगते वो सिर्फ तुम्हारा ही बेटा है क्या सारी दुनिया के बच्चे ये सब चीजें खा रहे हैं! हम अपने पोते को उसकी पसंद की कोई चीज भी नही खिला सकते, कैसा जमाना आ गया है! अब बहुओं की सुननी पड़ेगी इस उम्र में!
हे भगवान! ये दिन ही देखने के लिए हमे यहां बुलाया था ।
माँ जी आप गलत समझ रही है जब घर पर मेड रहती थी तो ये स्कूल से आकर घर का बना खाना आराम से खाता था, कोई नख़रे नही दिखाता था! वो तो 2 महीने के लिए गाँव गयी छुट्टी पर इसलिए आपको बुलाया की दादा-दादी के साथ उसे अच्छा लगेगा! उनसे अच्छी बातें और आदतें सीखेगा पर उल्टा आपने तो उसे बिगाड़ ही दिया है ।
अब तो वो मुझसे झूठ भी बोलने लगा है , उसकी सेहत को भी कितना नुकसान हो रहा है! रोज – रोज आप उसे पैसे दे देती है, वो बाहर का उल्टा सीधा जंक फूड खाता है घर आकर उसे भूख ही नही लगती ।
अरे बहू! तुम तो कुछ ज्यादा ही बोल रही हो  हम क्यों गलत आदत डालेंगे अपने पोते को , तुम ही ध्यान रखो अपने बच्चे का हम यहां नही रहने वाले तुम्हारी खरी खोटी सुनने को हम कल ही चले जायेंगे ।
जैसा आप ठीक समझे माँ जी पर मैं अपने बच्चे को बिगड़ते देख कर चुप नही रह सकती ।
अपनी बहू की बातें सुनकर शुभ की दादी मुँह बना कर अपने कमरे में चली गयी ।

पर पायल की कही गयी बातें बिल्कुल सही थी, बच्चों के लिए घर का खाना ही अच्छा होता है! जो बच्चे ज्यादातर बाहर का खाना खाते है तो उनको घर का खाना अच्छा नही लगता , वो बस यही बहाना बनाते है कि मम्मी भूख नही है । कहीं न कहीं परिवार के सदस्य ही जिम्मेदार होते है बच्चों की आदत बिगाड़ने के लिए! ज्यादातर जिन बच्चों के माता पिता जॉब करते है वो बच्चे माता पिता की अनुपस्थिति में कुछ भी खाते रहते है दादा दादी या नाना नानी का लाड़ उनके लिए नुक्सानदायक होता है! बुजुर्गों को ही समझना चाहिए कि वो बच्चों को पैसे देकर उनको प्यार नही बल्कि उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहें है ।

दोस्तो अगर आप के साथ भी अगर कुछ ऐसा हो रहा है तो आप अपने बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ ना होने दें, अपने बुजुर्गों की नासमझी को प्यार ना समझे ये आपके बच्चो की  ज़िन्दगी का सवाल है!

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