गोल्डन मिल्क - हल्दी वाला दूध - आपके बच्चे के लिए संजीवनी

गोल्डन मिल्क – हल्दी वाला दूध – आपके बच्चे के लिए संजीवनी

सर्दियों की आहट शुरू हो गयी है | दोस्तो, हम सब माओ के माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा सकती है क्योंकि सर्दियों में हमारे छोटे बच्चे बहुत बीमार होते है | मौसम बदलने के कारण उन्हें सर्दी जुकाम हो जाता है जो उनके लिए बहुत पीड़ादायक होता है | इसको रोकने के लिए एक नुस्खा है जो मेरा खुद आज़माया हुआ है | जब भी आप बच्चो को दूध दे तो उसमें बोर्नविटा की जगह चुटकी भर हल्दी मिला दे | अगर बच्चा 5 साल से ऊपर है तो हल्दी की मात्रा थोड़ी बढ़ा दे | ये हल्दी वाला दूध हल्का गर्म अपने बच्चो को दे, अगर बच्चा पीने में आनाकानी करे तो उसे प्यार से गोल्डन दूध कहकर पिलाये और खुद भी उसके साथ पिये | ऐसा करने से आपका बच्चा सर्दियों में कभी बीमार नही पड़ेगा और ना ही उसे सर्दी जुकाम होगा |

इस मौसम में, जब भी उसको पानी दे वो हल्का गुनगुना दे | आप अपनी सुविधा अनुसार हॉट जग में गुनगुना पानी भर के रख दे जिससे बच्चा अपने आप भी पानी ले सकता है और आपको बार बार पानी गर्म करने की परेशानी भी नही होगी | अगर आपका बच्चा हल्दी वाला दूध नही पीता तो आप गर्म पानी मे भी हल्दी मिला के उसे दे सकती है | ये नुस्खा अपना कर आप सब सर्दी का मज़ा ले सकती है |

बच्चों को सर्दियों में जब सर्दी जुकाम हो जाता है, तो हम उनको कफ सिरप के साथ डॉक्टर द्वारा लिखी एंटीबायोटिक दवाएं देते है | इन दवाओं से बच्चो को आराम तो आ जाता है, लेकिन बार बार ये दवाएं देने से बच्चे का दिमाग सुस्त हो जाता है और ये एंटीबायोटिक दवाएं उनकी किडनी को नुकसान पहुचाती है | रिसर्च से साबित हो चुका है कि हल्दी एक नेचुरल एंटीबायोटिक है जो हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है | विदेशो में तो हल्दी वाला दूध “गोल्डन मिल्क” के नाम से बहुत लोकप्रिय हो रहा है | ये हमारे जीवन के लिए एक संजीवनी है | इसलिए दोस्तो आज से ही आप हल्दी वाला दूध अपनी दिनचर्या में शामिल करें और अपने बच्चों और खुद को स्ट्रॉग बनाये |

अगर आप बचपन से ही बच्चे को हल्दी वाला दूध देती है तो बच्चे की रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ जाती है | मौसम के बदलने पर आपका बच्चा छोटी मोटी बीमारियों जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी से बचा रहता है | बस आपको थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है, इसका असर धीरे धीरे होता है | एंटीबायोटिक दवाईयां देने से आपका बच्चा तुरंत ठीक हो जाता है लेकिन ये दवाइयां लंबे समय तक देने से आपके बच्चे के शरीर पर बुरा प्रभाव डालती है । आपके बच्चे की किडनी पर बुरा असर पड़ता है, बच्चे के ब्रेन पर भी ये दवाएं बुरा प्रभाव डालती है, बच्चे का दिमाग स्लो चलता है, उसे ज्यादा नींद आती है | इसलिए जहाँ तक हो सके अपने बच्चे को इन एंटीबायोटिक दवाओं से बचाये और गोल्डन मिल्क यानी हल्दी वाला दूध 2 टाइम अपने बच्चे को दे | इससे आपका बच्चा स्ट्रांग बनेगा और ये गोल्डन मिल्क आपके बच्चे के लिए एक संजीवनी बूटी की तरह काम करेगा |

Disclaimer: The views, opinions and positions (including content in any form) expressed within this post are those of the author alone. The accuracy, completeness and validity of any statements made within this article are not guaranteed. We accept no liability for any errors, omissions or representations. The responsibility for intellectual property rights of this content rests with the author and any liability with regards to infringement of intellectual property rights remains with him/her.

Previous article «
Next article »