कुछ हटके है ये…उपवास!!!! अपनाए ये नए तरीके के उपवास और बनाए अपनी ज़िंदगी को खास!!
पहला किस्सा
सामने वाली शर्मा आंटी आज अंकल पर बहुत चिक चिक कर रही थी। और तो और सब्ज़ी वाले से भी भीड़ गई छोटी सी बात पर। मैंने अंकल से कहा “अंकल लगता हैं.. आज आंटी का मूड ठीक नहीं हैं, कोई परेशानी तो नहीं” इस पर वो बोले ” अरे बेटा ऐसी कोई बात नहीं, ये तो इनका हर सोमवार का हैं, इनका उपवास जो रहता हैं, भूख सहन नहीं होती तुम्हारी आंटी से, इसलिए चिड़चिड़ी हो जाती हैं”।
दूसरा किस्सा
पति पत्नी से : आज सुबह साबूदाने की खिचड़ी बना लेना और साथ में साबूदाने की खीर भी और हां….शाम के लिए राजगीरे की पूरी और फरिहाली कड़ी बना लेना और हां….दोपहर में भूख लगेगी तो थोड़ी चिप्स और मूंगफली के दाने फ्राई कर देना। और गर्मी हैं तो आम का जूस और तरबूज भी दे देना। बस…आज ज्यादा नहीं खाऊंगा, आज मेरा उपवास हैं ना।
आपने भी जिंदगी में कभी न कभी कोई न कोई व्रत या उपवास जरूर किया होगा। उपवास में हल्का खाने का नियम हैं ताकि हमारी मशीन(पेट) को आराम मिल सके। इसके वैज्ञानिक तथ्य भी हैं।
आपने देखा होगा, कोई व्यक्ति तो उपवास वाले दिन भूख के कारण बहुत चिड़चिड़ा हो जाता हैं और पूरे दिन गुस्सा करता रहता हैं। और कोई उपवास के दिन फलाहार के नाम पर सामान्य दिनों से भी ज्यादा खा लेता हैं। उपवास करना बहुत अच्छा होता हैं, हमारे तन और मन दोनों के लिए। पर क्या हमारे मन की शुद्धि वाकई हो पाती हैं ? सिर्फ भूख पर संयम क्यों? और भी बहुत जरुरी बाते है, जिन पर संयम रखने से आपका मन और तन दोनों तंदरुस्त होंगे और आपके जीवन में बहुत पॉजिटिविटी आएगी।
आप भी मेरी तरह भूखे रहकर उपवास करने मे विश्वास नहीं रखते तो ये ब्लॉग आपके लिए ही हैं और अगर आप उपवास रखते हैं, तब तो आपको ये ब्लॉग जरूर पड़ना चाहिये। क्योंकि ये उपवास हैं ज़रा हटके :
- सोमवार हो मौनवार : इस दिन हम थोड़ी देर मौन रहे या सोशल मीडिया जैैसे कि व्हाट्अप फेसबुक से दूरी बना कर रखे। और अपने आप को कोई भी पसंदीदा काम में बिजी रखे जैसे कोई स्पेशल डिश बनाये, पेंटिंग, मेहंदी बनाना, गार्डनिंग, राइटिंग या रीडिंग। शायद हमें ये एहसास हो कि हमारा कितना वक़्त इन सोशल मीडिया में बर्बाद होता हैं।
- मंगलवार हो सबका मंगल : इस दिन चाहे कोई भी हो, किसी की भी बुराई नहीं करेंगे और नहीं सुनेंगे। कम से कम 2 लोगों की तारीफ़ जरूर करेंगे। याद रखिये तारीफ़ करेंगे तो तारीफ़ मिलेगी और बुराई करेंगे तो बुराई।
- बुधवार हो बुकवार : कोई भी बुक यानि किताब जरूर पढेंगे, अपने इंटरेस्ट के हिसाब से कुछ भी पढ़ सकते हैं। आपको पढ़ता देख आपका बच्चा भी यह आदत सीखेगा।
- गुरुवार हो शुरुवार : इस दिन आप कुछ नया शुरू करे। कुछ भी, कोई नई डिश बनाये, कुछ नया सीखे, अपने बच्चे के साथ कुछ आर्ट एंड क्राफ्ट कर सकती हैं। आजकल तो यू ट्यूब व इंटरनेट के जरिये आप कुछ भी नया सिख सकती हैं। इससे आपके जीवन में बोरियत नहीं रहेगी। और आपका बच्चा भी क्रिएटिव होगा।
- शुक्रवार को करे शुक्रिया : हमें हमेशा किसी न किसी से कोई शिकायत रहती हैं। लेकिन इस दिन किसी के लिए मन में भी कोई गिला शिकवा नहीं लाएंगे। अगर आपको, आपके पति या बच्चों या इन लॉस या आपकी मेड किसी से भी कोई शिकायत है तो 2 मिनट के लिए उनकी 2 अच्छी बातें याद करे या कोई ऐसा किस्सा जब उन्होने आपकी बहुत मदद करी हो। आपकी शिकायत शुक्रिया में बदल जाएगी। इसलिये उनकी बुराइयों को नोटिस करने की बजाय उनकी अच्छाइयों पर ध्यान दे। धीरे-धीरे ये आपकी आदत बन जाएगी। ये आप किसी और को खुश करने के लिए नहीं कर रही बल्कि इससे आपकी पर्सनलिटी और ज़िन्दगी में बहुत सकरात्मकता आएगी।
- शनिवार को बनाये फनी – वीकेंड की शुरुआत होती है शनिवार को। इस दिन आप खुलकर हंसे और हँसकर दिन बिताए। इस दिन की शुरुआत आप किसी फनी वीडियो को देखकर या लाफ्टर एक्सरसाइज से कर सकती हैं। कोई लाइट कॉमेडी मूवी देख सकती हैं। कोई टेंशन हैं भी तो भी झूठा ही मुस्कुराये। झूठी मुस्कान भी टेंशन कम करती हैं।
- रविवार को रहे रेडी : हफ्ते के सारे दिन आप दूसरों लिए दौड़ भाग करती हैं। आज आप अपने लिए रेडी हो। आईने के सामने 5 मिनट बिताये। महीने में 1 सन्डे को सैलून जा सकती हैं या घर पर ही फेशियल कर सकती हैं। अपने बालो और स्किन की घरेलू केअर कर सकती हैं। शाम को आपका आपके फॅमिली के साथ कोई प्लान हो या न हो आप शाम को अपनी पसंद के कपड़े पहनकर तैयार होकर बाहर जरूर निकले चाहे वो एक पार्क में वॉक या मंदिर दर्शन ही क्यूँ न हो।
दोस्तों, ये सब पढ़कर आप सब सोच रहे होंगे कि ये सब सिर्फ कहानी में हो सकता हैं, असलियत में नहीं। तो ऐसा नहीं है। अगर इन सबमे से हम एक उपवास भी करते हैं तो वह हमारा जीने का नजरिया बदल सकता हैं। और फिर एक कोशिश तो की ही जा सकती हैं।
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