एक नारी का क़र्ज़ कभी ना चुका पाओगे - उनके हर रूप को समझे

एक नारी का क़र्ज़ कभी ना चुका पाओगे – उनके हर रूप को समझे

मुझे याद है बचपन में जब मैं और पापा बगीचे में घूम रहे थे। तब मैंने उनसे कहा था कि पापा ये फूल का पौधा अब बड़ा हो गया है इसे अब कहीं और लगा देते है। तब पापा ने मुझसे कहा था कि बेटा इसे अब यहां से नहीं हटा सकते है क्योंकि ये अब दूसरी जगह ढल नहीं पाएगा। तो मैने बोला- पापा मैं भी तो एक फूल की तरह कोमल हूँ। फूल की ही तरह घर के आँगन को हमेशा खुशबू से महका कर रखती हूं तो कल आप मुझे भी कही भेज दोगे तो मैं कैसे नये माहौल में ढल पाऊँगी। तब इस पर पापा ने कहा- बेटा ये शक्ति भगवान ने सिर्फ नारी को दी है जो हर हाल में, हर रूप में ढलना जानती है। यही शक्ति तो है एक नारी के पास जो उसे सबसे अलग और महत्वपूर्ण बनाती है।

देखिए ना, एक छोटी सी लड़की बड़ी  होकर ना जाने कितने रिश्तो में ढलती जाती है जैसे कि बेटी, माँ, बहन, पत्नी और बहू। हर मोड़ पर उसे एक नए रिश्ते से गुज़रना पड़ता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है इन सारे रिश्तो के सफर में एक लड़की को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
जब एक लड़की बेटी बनकर जन्म लेती है तो पूरे परिवार की इज़्ज़त उसके नाम कर दी जाती है और वो घर की इज़्ज़त, संस्कार-मर्यादा सब याद रखती है।
जब एक लड़की बहन का रूप लेती है तो अपने भाई की ख़ुशी के लिए ना जाने कितने त्याग करती है।
जब एक लड़की बहू बनती है तो ना जाने अपनी कितनी इच्छाओं और सपनो का गला घोटती है।
जब एक लड़की पत्नी का रूप लेती है तो पूरी ज़िन्दगी अपने पति की खुशियों का ध्यान रखती है।
जब एक लड़की माँ बनने की कगार पर होती है तो ना जाने कितने दर्द अपने होने वाले बच्चे के लिए सहती है ।
इस तरह एक लड़की को हर कदम पर ना जाने कितनी समस्याओं और तकलीफ से गुजरना पड़ता है।
किस तरह एक लड़की बिना किसी स्वार्थ के हर रिश्तो को अपनाती है और प्यार से निभाती है। लेकिन उसे बदले में क्या दिया जाता है? प्यार, आदर-सम्मान। नहीं बिलकुल नहीं। एक लड़की अपने रिश्तो को निभाने के लिए उफ्फ तक नही करती। बदले में किसी चीज़ की इच्छा भी नही रखती बजाय इसके हम उन्हें थोड़ा सा प्यार देने में कतराते है। नारी के हर एक रूप को प्यार और आदर-सम्मान की ज़रूरत है लेकिन क्या हम इतने खुदगर्ज़ है जो बदले में एक लड़की को थोड़ा सा प्यार तक नहीं दे सकते। नारी हर रिश्ते में एक अहम किरदार निभाती है जिसे हम दरकिनार नही कर सकते। नारी के बिना ज़िन्दगी असंभव है। नारी के हर रूप में उनका साथ दे। उनके हर रूप को समझे और प्यार दे।

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