आपको अपने बच्चे के नाखून कब से काटने शुरू करने चाहिए? ना हो परेशान मिल गया समाधान
करीबन एक माह के भीतर शिशुओं के छोटे व तीखे नाखूनों का विकास शुरू होने लगता है। ऐसे में अगर आपके शिशु के नाखून भी तीखे व नुकीले हैं जिससे कि वह अपना मुँह खरोंच सकता है; तो आपको बच्चे के नाखूनों को नियमित रूप से काटना चाहिए। हालांकि, सभी शिशुओं के लिए ये एक समान नहीं होता। ऐसे में जब तक आपके शिशु के नाखून सही तरह से बड़े नहीं होते, तब तक आप उनके नाखूनों को मत काटें क्योंकि इससे आपके बच्चे के हाथों व पैरों की नाज़ुक उँगलीयों को चोट पहुँच सकती हैं।
शिशु के छोटे नाखूनों को काटने के लिए किस चीज का प्रयोग करें?
शिशु के नाखूनों को काटने के लिए बाजार में कई सारी चीजें उपलब्ध है। हालांकि, इन चीजों में शिशु के नाखून काटने के लिए मैग्निफायर वाला नेलकटर सबसे सही है। शिशु के नाखून काटने के लिए बेबी नेल कटर उपयुक्त है क्योंकि इसे शिशु के छोटे हाथों और पैरों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। मैग्निफायर जिसकी मदद से बच्चे के छोटे हाथों और पैरों को आसानी से देखकर उसके नाखूनों को सुरक्षित व सावधानिपूर्वक तरीके से काटा जा सकता है।
आप अपने बच्चे के नाखून काटने के लिए किसी की मदद भी लें सकते हैं। यदि आपका बच्चा थोड़ा उधम मचा रहा है, तो आपको उस वक्त अपने शिशु के नाखूनों को नहीं काटना चाहिए। शिशु के नाखून काटने का सबसे उपयुक्त समय तब है, जब वह सो रहा होता है।
आप एक महीने के बाद, अपने शिशु के नाखूनों को ट्रिम करना शुरू कर सकते हैं। लेकिन, अगर आपके शिशु के नाखून नहीं है, तो आप बच्चे के नाखूनों के बढ़ने का इंतजार कर सकते हैं। साथ ही बच्चे के नाखून काटने के बाद त्वचा पर मॉइश्चराइजर जरूर लगाए। अपने बच्चे की त्वचा को हाइड्रेटेड और मॉइस्चराइज्ड रखने के लिए सौम्य और प्राकृतिक चीजों से बने बेबी मॉइस्चराइजर का चयन करें। यदि आपके बच्चे की त्वचा अधिक रूखी व बेजान है, तो मॉइस्चराइजर को दिन में दो बार और सामान्य त्वचा पर आवश्यकतानुसार लगाएं।
सामग्री की पूरी जाँच के बाद, बच्चे के लिए बनाए गए उत्पादों का ही इस्तेमाल करें।
शिशु के लिए उन उत्पादों का इस्तेमाल ना करें, जिनका उपयोग आप अपनी त्वचा के लिए करती हैं। बता दें, बड़ों की तुलना में शिशु की त्वचा बेहद नाजुक और संवेदनशील होती है। ऐसे में हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले उत्पाद से शिशु की त्वचा को नुकसान पहुँच सकता है इसलिए शिशु के लिए विशेष तौर पर उन्हीं के लिए बनाए गए उत्पादों का इस्तेमाल करें क्योंकि वह शिशु की त्वचा को स्वस्थ रखते हैं। ध्यान रखें, शिशु के उत्पाद सल्फेट, थैलेट और पैराबेंस मुक्त होने चाहिए।
ऐसे में विटामिन ‘डी’ व ‘ई’, प्राकृतिक तेल, एलोवेरा जेल, शीया बटर जैसी प्राकृतिक चीजों और एसपीएफ और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध बेबी मॉइस्चराइजर का चयन करें। इससे ना केवल आपके बच्चे की त्वचा को धूप में सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी बल्कि इससे त्वचा में होने वाले संक्रमण को भी रोका जा सकता है।
धन्यवाद!
Disclaimer: The views, opinions and positions (including content in any form) expressed within this post are those of the author alone. The accuracy, completeness and validity of any statements made within this article are not guaranteed. We accept no liability for any errors, omissions or representations. The responsibility for intellectual property rights of this content rests with the author and any liability with regards to infringement of intellectual property rights remains with him/her.